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करवा चौथ एक महिलाओं द्वारा भारतीय परंपरागत पूजा और व्रत है, जिसका उद्देश्य उनके पति की लंबी आयु और सौभाग्य की प्राप्ति करना होता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारतीय राज्यों, जैसे कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली में मनाया जाता है। करवा चौथ का आयोजन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चौथ तिथि को किया जाता है, जो चांद के दर्शन के बाद होती है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, जिसमें वे दिन भर बिना भोजन किए रहती है। व्रत का उद्यापन चांद के दर्शन के बाद किया जाता है, और इसमें पति की प्रतिमा या फोटो के साथ पूजा की जाती है।
करवा चौथ पूजा की सामग्री और पूजा विधि कुछ इस प्रकार होती है:
सामग्री:
पूजा की विधि:
करवा चौथ पूजा के बाद महिलाएं एक चांद के दर्शन करके अपने पति की प्रतिमा या फोटो के साथ पूजा करती हैं और फिर व्रत को खोलती हैं। इस दिन की खासतर शाम को महिलाएं अपने सुहाग के साथ बात करती हैं और विभिन्न परंपरागत गानों और कविताओं के साथ इस पर्व का मनाने का आनंद लेती हैं।
करवा चौथ एक महिलाओं के बीच एकता, सौहार्द, और प्रेम का प्रतीक होता है, और यह परंपरागत तौर पर समाज में बड़ा महत्त्वपूर्ण है।