Answer to your question is NEGATIVE


चौपाई : बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सन्मुख धरि काहूँ न धीरा॥।
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है।
अर्थ: वरुण, कुबेर, इंद्र और वायु, इनमें से किसी ने भी रण में तुम्हारे सामने धैर्य धारण नहीं किया (अर्थात सामना न कर सके )।